प्राचीन ग्रंथों व महान विद्वानों ने कहा है कि “पहला सुख निरोगी काया ।” इस पंक्ति का अर्थ होता है कि शारिरिक रूप से स्वस्थ रहना ही पहला सुख है । शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग अत्यधिक भूमिका निभाता है । योग द्वारा पूरे शरीर का वर्कआउट किया जा सकता है । यदि आप भी वर्कआउट करना चाहते है और ऐसे योग आसन की तलाश कर रहे है जिससे पूरे शरीर का वर्कआउट हो सके तो आज के इस आर्टिकल 5 Yoga Asanas For Full Body Workout को अंत तक जरूर पढ़ें ।
5 Yoga Asanas For Full Body Workout
सेतु बंध सर्वांगासन ( Setu Bandha Sarvangasana ) :
इस योग को ब्रिज पोज भी कहा जाता है । यह योग आसन पीठ, गर्दन, रीढ़, सीने और कूल्हों को फैलाने में मदद प्रदान करता है ।
सेतु बंध सर्वांगासन कैसे करे :
Step 1 : सर्वप्रथम योग चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं और शरीर के बगल में हाथों को सीधा रख ले ।
Step 2 : अब दोनों घुटनों को मोड़ते हए पैरों को फर्श पर रखकर उन्हें हाथों से पकड़ लें।
Step 3 : अब अपने कंधों, हाथों और पैरों का सहारा लेते हुए अपनी पीठ को फर्श से धीरे धीरे ऊपर की ओर उठाए ।
Step 4 : अब 10-15 तक की गिनती तक इस मुद्रा में बने रहे और फिर सामान्य स्थिति में आ जाये ।
Step 5 : इस प्रकार आप सेतु बंध सर्वांगासन कर सकते है । यह योग आसन आपको नियमित रूप से सुबह के समय करना होगा ।
सेतु बंध सर्वांगासन के लाभ :
सेतु बंध सर्वांगासन पीठ, गर्दन, रीढ़, सीने और कूल्हों को फैलाने में मदद प्रदान करता है । इस योग को नियमित रुप से करने पर दिमाग शांत रहता है और पाचन क्रिया में सुधार होता है । यह आसन ऑस्टियोपोरोसिस, साइनसाइटिस और हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए रामबाण इलाज साबित होता है । यह योग थकान से राहत दिलाने में मदद प्रदान करता है ।
कुम्भकासन ( Kumbhakasana ) :
कुम्भकासन योग पूरे शरीर को मजबूत बनाता है । यदि आप लचीले शरीर की चाह रखते है तो यह आसन आपको जरूर करना चाहिए । यह योगासन पूरे शरीर का वर्कआउट करवाता है और इससे पूरे शरीर को फायदा मिलता है ।
कुम्भकासन कैसे करे :
Step 1 : इस योगासन को करने के लिए सर्वप्रथम योग चटाई पर टेबलटॉप स्थिति में आ जाये ।
Step 2 : फिर अपने दोनों पैरों को पीछे की ओर करके पंजे को जमीन से सटा दें ।
Step 3 : अब अपने पैरों के हाथों की हथेलियों पर पूरे शरीर का भार डालते हुए शरीर को ऊपर उठा ले ।
Step 4 : कुम्भकासन को करते समय कमर और गर्दन को बिल्कुल सीधा रखें ।
Step 5 : अब इस स्थिति में कुछ देर तक रहे और उसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाये । इस प्रकार आप कुम्भकासन कर सकते है ।
कुम्भकासन के लाभ :
कुम्भकासन से पूरे शरीर की मांसपेशियों में मजबूती मिलती है । इस योगासन से शरीर के लचीलेपन को भी बढ़ावा मिलता है । इस योगासन से वजन नियंत्रित किया जा सकता है । यदि आप मोटापे का शिकार हो चुके है तो इस योग से आप अपना वजन कम कर सकते है । इस योगासन से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है । यह योगासन आपके दिमाग को शांत रखने व एकाग्रता शक्ति को बढ़ाने में मदद प्रदान करता है ।
धनुरासन ( Dhanurasana ) :
धनुरासन को बो पोज़ के नाम से भी जाना जाता है । इस योगासन में शरीर को धनुष की आकृति में कर दिया जाता है । यह आसन सबसे ज्यादा रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद होता है । इस योगासन से कब्ज, थकान, चिंता, श्वास में तकलीफ से राहत मिलती है ।
धनुरासन कैसे करे :
Step 1 : सर्वप्रथम योग चटाई पर पेट के बल उल्टा लेट जाएं ।
Step 2 : अब दोनो पैरों के घुटनों को मोड़ कर एड़ियों को कूल्हों पर टिकाए ।
Step 3 : अब हाथों से अपने टखनों को पकड़ ले और जितना हो सके उतना अपनी जांघों और छाती को उपर उठायें ।
Step 4 : अब आपको धनुरासन की मुद्रा में 30-60 सेकेंड के लिए रहना होगा ।
Step 5 : अब आपको सामान्य स्थिति में आ जाना होगा । इस योगासन को सुबह-सुबह नियमित तौर पर करना चाहिए ।
धनुरासन के लाभ :
धनुरासन का नियमित अभ्यास रीढ़ की हड्डी पर सकारात्मक प्रभाव डालता है । यह योगासन बाजुओं और जांघो को मजबूती प्रदान करता है । यह योगासन पीठ दर्द, कब्ज, थकान, चिंता व महिलाओं को मासिक धर्म की परेशानियों से राहत दिलाता है । यह योगासन छाती को चौड़ा करता है और श्वसन विकार में राहत देता है ।
शलभासन ( Shalabhasana ) :
शलभासन शारीरिक विकास के सर्वोत्तम योगासन है । यह योगासन रीढ़ की हड्डी में मजबूती प्रदान करता है । यह योगासन निचली श्रेणी के अंगों पर सकारात्मक प्रभाव डालता है । अगर आपको भूख से सम्बंधित समस्या है तो यह योगासन आपको जरूर करना चाहिए ।
शलभासन कैसे करे :
Step 1 : शलभासन को करने के लिए योग चटाई पर उल्टा लेट जाएं और दोनों पैरों को एक साथ रखे और दोनों पैरों के तलवे ऊपर की ओर रखे ।
Step 2 : अब हाथों की हथेलियों को जांघो के नीचे दबा ले । हाथों की हथेलिया खुली हुई होनी चाहिए ।
Step 3 : अब ठोड़ी को थोड़ा आगे की ओर लाकर जमीन पर टिका ले । अब अपनी आंखें बंद कर ले ।
Step 4 : अब दोनों टांगो को साथ-साथ जितना हो सके उतना ऊपर उठाए । इस दौरान दोनों हाथों से जमीन पर प्रभाव डाले ।
Step 5 : जब आपके पैर और ऊपर नही जाए वह इस योग की अंतिम स्थिति होगी । अब इस स्थिति में 30-60 सेकंड रुके । अब वापिस धीरे-धीरे पैरों को जमीन पर लाये ।
Step 6 : शलभासन को इस प्रकार दिन में नियमित रूप से 5-10 बार करना चाहिए ।
शलभासन के लाभ :
यह योगासन निचले हिस्से के अंगों को मजबूत करता है । यह योग पीठ दर्द, लिवर और अन्य पेट के रोगों से राहत दिलाता है । पीठ दर्द के लिए यह बेहद शानदार उपाय है ।
मालासन ( Malasana ) :
मालासन को गारलैंड पोज भी कहा जाता है । यह योग आपके शरीर को फिट व हेल्थी रखने में मदद प्रदान करता है । इस योगासन द्वारा मांसपेशिया मजबूत होती है । बवासीर के रोग से पीड़ित मरीजों के लिए मालासन बेहद अच्छा इलाज साबित हुआ है ।
मालासन कैसे करे :
Step 1 : मालासन को करने के लिए योग चटाई पर ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाये और पैरों के बीच दूरी बनाकर रखे ।
Step 2 : अब पेट को अंदर की ओर खींचे और कंधों को ऊपर की तरफ खींचे । इस दौरान गहरी सांस ले और छोड़े ।
Step 3 : अब अपनी छाती या सीने को बाहर की तरफ निकालते हुए नमस्ते की मुद्रा बना ले ।
Step 4 : अब घुटनो को मोड़ ले और तलवों को जमीन पर रखे । अब नमस्ते की मुद्रा की सीने के आगे रखे ।
Step 5 : अब कोहनियों को सटाकर रखे। योग की इस स्थिति में 15-60 सेकंड तक बने रहे ।
Step 6 : इस प्रकार आप मालासन योग को कर सकते है । अब सामान्य स्थिति में आ जाए ।
मालासन के लाभ :
मालासन को नियमित रूप से करने पर पीठ, जोड़ो, जांघो और घुटनों के दर्द से राहत मिलती है । मालासन को गर्भवती महिलाएं भी कर सकती है । मालासन को नियमित रुप से करने पर गर्भपात की सारी समस्याएं दूर होती है । मालासन से कंधों और बाजुओं को मजबूती मिलती है ।
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